सरकार के आदेश के बाद बैंक लौटा रहे पैसे, चेक कर लें अकाउंट का बैलेंस

 


सरकार के आदेश के बाद बैंक लौटा रहे पैसे, चेक कर लें अकाउंट का बैलेंस

बैंकों ने कर्जदारों के खातों में ब्याज पर लगाए गए ब्याज की रकम लौटानी शुरू कर दी है.

आ रही ब्याज की रकम आप भी अपना बैंक अकाउंट करे |

अगर आपने लॉकडाउन के दौरान लोन मोरेटोरियम की सुविधा ली थी तो बैंक अकाउंट का बैलेंस चेक भी करते रहिए. दरअसल, अधिकतर बैंकों ने कर्जदारों के खातों में ब्याज पर लगाए गए ब्याज की रकम लौटानी शुरू कर दी है. धीरे धीरे सभी बैंक अपनी परक्रिया चालू कर दी हे|

 

लोन धारको कों ब्याज माफ़ी का मैसेज भी आने लगा हे|

कई बैंकों के कर्जदारों को इसका मैसेज भी आने लगा है. सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक से ग्राहक को संदेश भेजा गया, ‘‘प्रिय ग्राहक कोविड-19 राहत अनुदान राशि ... तीन नवंबर को आपके खाते में डाल दी गई है.

इस प्रकार के मिलते जुलते मैसेज आपके पास भी आयगे ’’ 

नवंबर तक की थी डेडलाइन 

आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह ही सभी बैंकों, गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों सहित कर्ज देने वाले संस्थानों को इसका आदेश दिया था. इसमें आरबीआई ने पांच नवंबर  तक लागू करने को कहा था. 

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश 

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने पिछले महीने कर्जदारों को ब्याज पर ब्याज के पैसे लौटाने का ऐलान किया था.  होम, एजुकेशन, क्रेडिट कार्ड बकाया, ऑटो, एमएसएमई लोन आदि को इसके दायरे में रखा गया है. हालांकि, कृषि और संबंधित गतिविधियों के लिये कर्ज को इस छूट योजना से अलग रखा गया है.

: 2 करोड़ तक की रकम पर 

योजना में एक मार्च 2020 से 31 अगस्त 2020 तक बैंकों और कर्जदाता संस्थानों द्वारा दो करोड़ रुपये तक के बकाये कर्ज खातों पर ब्याज पर लिये गये ब्याज से माफी देने का प्रावधान है. इस राशि को अनु्ग्रह अनुदान भुगतान के तौर पर कर्जदारों के खातों में लौटाया जा रहा है. 

समझें पूरा मामला 

आपको बता दें कि लॉकडाउन के दौरान रिजर्व बैंक ने लोन मोरेटोरियम की सुविधा दी थी. इसके तहत कुल 6 महीने तक ग्राहकों को लोन की मासिक किस्त टालने की छूट मिली थी. लेकिन इसके एवज में बैंकों की ओर से लोन के सामान्य ब्याज के अलावा भी ब्याज लिया गया. 

दायर हुई थी याचिका 

इसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका की सुनवाई चल रही है. सुनवाई के दौरान ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को वसूले गए ब्याज पर ब्याज को लौटने का आदेश दिया था. 

 

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